विश्वविद्यालय अनुदान आयोग UGC ने नेशनल अकादमिक क्रेडिट बैंक (एनएसी-बैंक) की अवधारणा 11 December 2019 को शुरू की जो यूजीसी द्वारा स्थापित और प्रबंधित की जाने वाली एक डिजिटल/वर्चुअल/ऑनलाइन इकाई होगी । एनएसी-बैंक का मुख्य उद्देश्य शिक्षा प्रणाली में छात्र गतिशीलता को सुविधाजनक बनाना होगा जिसमें क्रेडिट जमा किए जा सकते हैं और डिग्री कार्यक्रम की आंशिक पूर्ति की आवश्यकताओं के लिए समय में परिवर्तन किया जा सकता है।
Concept of National Academic Credit Bank (NAC-Bank) started on 11 December 2019.
General Introduction for NAC Bank
यूजीसी और भारत सरकार अपनी ओर से "भारतीय उच्च शिक्षा" को कई विनियमों और नियामकों के समूह से मुक्त करने का प्रयास कर रहे हैं । नेशनल एकेडमिक क्रेडिट बैंक (NAC-Bank) इस दिशा में एक और ऐसा कदम होगा। स्वायत्तता से तात्पर्य किसी संस्था का एकाधिकार अथवा ताकत है जो बाजार की ताकतों की मांगों को पूरा करने के लिए पाठ्यक्रम संरचना में बलपूर्वक बदलाव कर सकती है । भारत की उच्च शिक्षा में स्वायत्तता केवल शिक्षकों और अकादमिक प्रशासकों तक अकादमिक स्वतंत्रता की संकरी गलियों तक सीमित नहीं रह सकती। यह पिरामिड के नीचे अर्थात हमारे छात्रों तक पहुंचनी चाहिए । एक छात्र को स्वायत्तता (power) देने से कक्षाओं में लचीलापन, बाजार के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने के लिए पर्याप्त समय और अपनी पसंद की अन्य गतिविधियों में शामिल होने के अवसर भी प्राप्त होते हैं । एक सच्ची स्वायत्तता केवल तभी वास्तविक और प्रभावी होगी जब यह सबसे निचले स्तर तक आती है यानी सभी हितधारकों विशेष रूप से छात्रों की भागीदारी के साथ।
What is a NAC-Bank? नेशनल अकादमिक क्रेडिट बैंक क्या है?
नेशनल अकादमिक क्रेडिट बैंक MHRD / UGC द्वारा स्थापित और प्रबंधित की जाने वाली एक डिजिटल / वर्चुअल / ऑनलाइन इकाई होगी। राष्ट्रीय शैक्षणिक क्रेडिट बैंक एक वाणिज्यिक बैंक की तरह कार्य कर सकता है जिसमें छात्रों को खाताधारक के तौर पर तथा जिन्हें बैंक क्रेडिट सत्यापन/डिग्री प्रमाणीकरण सहित विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करता है उन्हें ग्राहक के तौर पर जाना जा सकता है। एनएसी-बैंक को नेशनल एकेडमिक रिपॉजिटरी (एनएडी) से जोड़ा जाएगा। एनएसी-बैंक उन सभी छात्रों को जमा खाते प्रदान कर सकता है जो Higher Educational Institutions में पढ़ रहे हैं। इस क्रेडिट प्रणाली में एक छात्र द्वारा अर्जित किए गए अकादमिक क्रेडिट को स्वचालित रूप से उसके खाते में जमा कर दिया जायेगा और निश्चित स्तर/ स्तरों तक क्रेडिट जमा होने के बाद, छात्र किसी भी सुविधाजनक समय पर किसी भी अकादमिक कार्यक्रम के लिए क्रेडिट जमा कर सकता है और भुना (redeem) सकता है। यहां, अकादमिक कार्यक्रम से तात्पर्य शैक्षिक कार्यक्रम है जिसमें डिग्री, डिप्लोमा या प्रमाण पत्र का पुरस्कार प्राप्त होता है।
प्रस्तावित एनएसी-बैंक छात्रों को अपनी सीखने की पूरी योजना बनाने में मदद करेगा। नेशनल एकेडमिक क्रेडिट बैंक छात्रों के डेटा और उनके द्वारा अर्जित किये गए क्रेडिट को जमा रखने के लिए एक ऑनलाइन स्टोरहाउस (गोदाम) के रूप में काम करेगा । यह उन सभी छात्रों को सुविधा प्रदान करेगा जो रोजगार या शैक्षिक उद्देश्यों के लिए अपने अकादमिक रिकॉर्ड को मजबूत करना चाहते हैं। एनएसी-बैंक संबंधित छात्र द्वारा पहले से अर्जित किये गए क्रेडिट को पहचानने के लिए नियोक्ताओं / संस्थानों और सिस्टम के सभी संस्थागत सदस्यों के लिए भी सहायक हो सकता है। सर्टिफिकेशन अवार्ड के लिए आवश्यक सभी क्रेडिट एनएसी-बैंक शैक्षिक प्रतिलेख (educational transcript) के माध्यम से उपलब्ध होंगे। शैक्षिक प्रतिलेख (educational transcript) में प्रत्येक मॉड्यूल/यूनिट के लिए या पूरी योग्यता के लिए संबंधित छात्र के प्रदर्शन स्तर को इंगित करने के लिए विशिष्ट ग्रेड का भी उल्लेख किया जा सकता है और जिसमें यह भी पता चल सकता है कि विशेष मॉड्यूल कितना कठिन था। इसके अलावा, यह माना जाता है कि National Academic Credit Bank छात्रों को भाषा अवरोधों में कमी करने, पढ़ाई की गति को कुछ हद तक नियंत्रित करने और उनकी पढ़ाई के लिए सबसे अच्छी जगहों या शिक्षकों को चुनने की क्षमता आदि सुविधाओं के साथ मदद कर सकता है।
Why a NAC-Bank? नेशनल अकादमिक बैंक की आवश्यकता
एनएसी-बैंक एक डिग्री/डिप्लोमा/पोस्ट डिप्लोमा प्राप्त करने के लिए अपने अकादमिक मार्ग का चयन करने का एक सुगम माध्यम है । यह मल्टीपल एंट्री - मल्टीपल एग्जिट (MEME) के साथ-साथ किसी भी समय सीखने, कहीं भी सीखने और किसी भी स्तर पर सीखने के सिद्धांतों पर काम करता है। अध्ययन की अवधि के दौरान, यदि आवश्यक हो, तो यह पाठ्यक्रम सुधार के लिए बहुत सारे विकल्प भी प्रदान करता है। यह पारंपरिक शिक्षा प्रणालियों से बहुत अलग है जिसमें एक निश्चित प्रवेश बिंदु पर शिक्षा प्रणाली के एक स्तर में प्रवेश करना और इसी तरह एक पूर्व निर्धारित अंतिम बिंदु से बाहर निकलना पड़ता है। एनएसी-बैंक की अवधारणा में शिक्षा प्रणाली में प्रवेश करने और बहार निकलने के लिए अनेक स्तर उपलब्ध होंगे | यह छात्र समुदाय के लिए अत्यधिक फायदेमंद हो सकता है और इसलिए यह प्रयास यूजीसी द्वारा शुरू किया गया है। सही अर्थों में यह स्वायत्तता को निम्नतम स्तर यानी छात्रों तक पहुँचाने की एक पहल है।
अंततः, यह छात्रों की ज्ञान की खोज, शैक्षणिक दिशाओं को चुनने और बदलने की स्वतंत्रता, विभिन्न कड़ियों को जोड़कर और उन्हें अपने सपनों की सही नींव और निर्माण के लिए प्रयोग करने में मदद करेगा। विद्यार्थी के जीवन में कई स्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं जैसे शादी, परिवार के एक नए शहर में जाने, परिवार के लिए एक नौकरी लेने की आवश्यकता और कई अन्य कारणों से अकादमिक शिक्षा में बाधा आती है एवं शिक्षा को बीच में छोड़ना पड़ता है| इस प्रकार की परिस्थितियों एनएसी-बैंक की अवधारणा अनेकों व्यवधान होने पर भी शिक्षण अध्ययनों की निरंतरता बनाए रखने के लिए काम आएगी।
Introduction to Credit & Credit Transfer
एक मॉड्यूल या एक इकाई को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले योग्य छात्रों को क्रेडिट दिया जाएगा। छात्रों को किसी मॉड्यूल/इकाई अथवा योग्यता (course) के लिए क्रेडिट प्राप्त करने हेतु "सिखने के परिणामों" की विशेष व्यवस्था को पूरा करना होगा। "सीखने के परिणामों" की रूपरेखा यह बताएगी कि एक सफल छात्र क्या कर पाएगा, क्या समझ पाएगा और क्या करने में सक्षम होगा। अर्थात छात्रों को किसी मॉड्यूल (course) को सिखने से पहले उसके परिणामों की जानकारी होना आवश्यक होगा। यह "सीखने की उपलब्धि" क्रेडिट प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है, न कि कैसे और कहाँ सीखा या सीखने में कितना समय हुआ या इसका मूल्यांकन कैसे किया गया या वास्तव में कितना समय लगा। क्रेडिट प्राप्त करने के लिए, छात्र को अपेक्षित न्यूनतम मानक को पूरा करना होगा, जिसे हम मूल्यांकन-सीमा या पास होने के रूप में जानते हैं। पास होने के लिए अपेक्षित न्यूनतम मानक/अंक Higher Education Institutions के द्वारा मूल्यांकन नियमों में निर्धारित किये जायेंगे। न्यूनतम मानक/अंकों से अधिक अंक प्राप्त होने पर भी छात्र को अधिक क्रेडिट नहीं दिया जायेगा क्योंकि मूल्यांकन/परीक्षा से पहले क्रेडिट मूल्य तय किया जाता है। एनएसी-बैंक के कारण प्राप्त किया गया अकादमिक क्रेडिट किसी सिस्टम विशेष में स्वतंत्र रूप से हस्तांतरणीय हो सकता है। अध्ययन कार्यक्रम (पढाई) के दौरान सफलतापूर्वक पूरा किए गए मॉड्यूल या इकाइयों (course) के क्रेडिट मूल्य (अंक) छात्र की प्रगति के रूप में जमा किये जा सकते हैं। संस्थाएं ऐसी व्यवस्था भी कर सकती हैं जो छात्रों को उनके द्वारा दिए गए क्रेडिट अंको को स्थानांतरित करने की अनुमति दे सकती हैं। क्रेडिट ट्रांसफर करने की सुविधा के कारण छात्र एक संस्थान से दूसरे संस्थान में अथवा एक ही संस्थान के अन्य कोर्स में प्रवेश लेने के लिए सक्षम हो सकता है। छात्र अपने क्रेडिट किस तरह ट्रांसफर कर सकते हैं वह संस्थान के मूल्यांकन नियमों द्वारा निर्धारित किया जाएगा।
Major Objectives of the National Academic Credit Bank Scheme
पूरे देश के लिए सार्वभौमिक पाठ्यक्रम या डिग्री विशेषज्ञता जो केंद्रीय निकायों और अधिकारियों द्वारा डिज़ाइन की गई है, शिक्षा के दायरे को सीमित और नीरस बना सकती है, जो वैश्विक प्रतियोगिता के लिए सहायक नहीं हो सकती है। इसे और छात्र केंद्रितता की बुनियादी बातों को ध्यान में रखते हुए, राष्ट्रिय अकादमिक क्रेडिट बैंक योजना के व्यापक उद्देश्यों के रूप में निम्नलिखित बिंदु प्रस्तावित हैं:
- उच्च शिक्षा में छात्र केंद्रितता को बढ़ावा देना
- छात्रों को उनकी रुचि के अनुरूप सर्वोत्तम पाठ्यक्रमों के संयोजन (combination) का चयन करने में सक्षम बनाना
- छात्रों को उनकी रुचि के अनुरूप सर्वोत्तम विभाग या संस्थान के संयोजन का चयन करने में सक्षम बनाना
- छात्रों को संबद्ध लागत आदि के साथ अपनी पढ़ाई के लिए एक गति चुनने की अनुमति देना।
- सभी छात्रों को निर्धारित डिग्री / पाठ्यक्रमों के बजाय अपनी मर्जी से डिग्री / पाठ्यक्रम संशोधित (modification) करने की छूट देना|
- छात्रों को अपने समय की वरीयताओं के अनुसार डिग्री पूरी करने के लिए मल्टीपल एंट्री मल्टीपल एग्जिट स्कीम में सक्षम करना।
- डिग्री/ डिप्लोमा/ पीजी डिप्लोमा/ सर्टिफिकेट प्रोग्राम के बीच गतिशीलता प्रदान करना
- बढ़ी हुई गतिशीलता या परिसरों के एकीकरण (integration of campuses) के साथ शिक्षण गतिविधियों को वितरित करना
- फुलटाइम और पार्टटाइम दोनों मोड से सभी छात्रों को आजीवन सीखने की सुविधा देना
- छात्रों को अपनी पढ़ाई के दौरान कार्य, अभ्यास, संस्कृति, पर्यावरण आदि के विभिन्न पहलुओं को सिखाना
NAC-Bank कोई पुरस्कार (awards), डिग्री, डिप्लोमा या प्रमाण पत्र नहीं देगा। बैंक तीन कार्य करेगा; क्रेडिट संचय, क्रेडिट ट्रांसफर और क्रेडिट रिडेम्पशन (भुगतान)। एनएसी-बैंक के साथ खाता खोलना अनिवार्य नहीं होगा, लेकिन विशुद्ध रूप से छात्र के निर्णय पर आधारित होगा।
Stakeholders for NAC-Bank Scheme
- Students —Both national and international
- Parents
- Institutions of higher learning in India (HEIs)
- Industries
- Teachers and faculty members
- Government and statutory bodies (MHRD, UGC)
- Non-government organisations
Key Elements of NAC-Bank Scheme
National Academic Credit Bank का पूरा लाभ उठाने के लिए इस योजना का गठन संबंधित विश्वविद्यालयों/संस्थानों द्वारा भी किया जाना चाहिए ताकि कौशल, औपचारिक प्रशिक्षण और सीखने के अन्य ऐसे तत्वों के माध्यम से अर्जित क्रेडिट को शामिल किया जा सके जो उन्हें स्वीकार्य हो । ऐसा करने के लिए NPTEL, SWAYAM और SWAYAM PRABHA जैसी राष्ट्रीय योजनाओं को भी क्रेडिट की कमाई पर विचार किया जाना चाहिए। एनएसी-बैंक की अवधारणा किसी भी तरह से दूरी या गैर-संपर्क मोड तक सीमित नहीं है। इसमें शिक्षण-शिक्षा (teaching learning) का समर्थन करने वाली सभी मौजूदा और भविष्य की योजनाओं का समामेलन/एकिकरण होने की संभावना है । इसमें दूरी और ऑन-द-जॉब लर्निंग से जुड़े कलंक का मुकाबला करने की क्षमता है । छात्रों की वर्तमान पीढ़ी लचीलेपन और पोर्टेबिलिटी के साथ अधिक आरामदायक महसूस करती है। शैक्षिक क्षेत्र में अपेक्षित सुविधाओं और नए दृष्टिकोणों को वितरित करने की क्षमता रखने वाली प्रौद्योगिकियों (technology) को सक्षम करने के लिए एनएसी बैंक को हमारे देश में लागू करने का समय आ चुका है। यह अंततः प्रतियोगी शैक्षणिक संस्थानों के लिए अनंत अवसरों के दरवाजे खोल देगा और बेहतर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा चाहने वालों को लाभान्वित करेगा।
- नेशनल अकादमिक क्रेडिट बैंक के कार्य
- क्रेडिट संचय (Credit Accumulation)
- क्रेडिट स्थानान्तरण (Credit Transfer)
- क्रेडिट मोचन (Credit Redemption)
- खाते खोलना, बंद करना और उनका सत्यापन करना
हालांकि, एनएसी-बैंक किसी भी डिग्री आदि को पुरस्कृत (award) नहीं करेगा। उन लोगों (NAC Bank Members) के लिए वैधानिक शक्तियां विश्वविद्यालयों और स्वायत्त संस्थानों में समय-समय पर प्रपत्र के रूप में परिभाषित की जाएंगी। इन्हें अर्जित क्रेडिट को बिना किसी मॉडरेशन आदि के केवल विश्वसनीय रिकॉर्ड के रूप में प्रदान करना चाहिए। छात्रों के लिए एनएसी-बैंक के उपयोग का रास्ता चुनना स्वैच्छिक होगा।
- पाठ्यक्रमों की अवधि - क्या पाठ्यक्रमों की अवधि संपर्क मोड में कार्यक्रमों के वितरण के लिए वर्तमान में निर्धारित अवधि से कम हो सकती है? समिति की सिफारिश है कि अवधि को अधिकतम 25% तक छोटा किया जा सकता है ताकि छात्रों को योजना का पूरा लाभ उठाने की अनुमति दी जा सके । अर्थात 4 साल का कोर्स 3 साल में कर सकेंगे।
- क्रेडिट की परिभाषा - क्रेडिट को मानक और सामान्य अभ्यास द्वारा परिभाषित किया जाना चाहिए यानी एक घंटे का सिद्धांत या एक घंटे का ट्यूटोरियल एक क्रेडिट होगा और दो घंटे का प्रयोगशाला कार्य एक क्रेडिट के बराबर होगा। यह समिति अंतर-संचालन (inter-operability) में आसानी के लिए मौजूदा अभ्यास को बिना किसी विचलन (Deviation) के सभी संस्थानों में अनुकूलित करने की सिफारिश करती है। पाठ्यक्रम के समय, आंतरिक पाठ्यक्रम आवश्यकताओं, सतत मूल्यांकन, उपस्थिति और इस तरह के अन्य संबंधित बिंदुओं के संबंध में नियम ज्यादातर नियमित पूर्णकालिक कार्यक्रमों की वर्तमान और चल रही प्रक्रिया के आधार पर मूल संस्था द्वारा तय किए जाएंगे ।
- कार्यक्रमों की प्रकृति- जबकि यूजी और पीजी दोनों कार्यक्रमों को इस योजना के अंतर्गत शामिल किया जा सकता है लेकिन संभावित छात्रों के परिपक्वता स्तर के साथ-साथ प्रारंभ के पैमाने को देखते हुए समिति शुरू में इसे केवल पीजी स्तर पर प्रदान करने का प्रस्ताव करती है और वह भी एनएसी/एनबीए/अन्य समकक्ष मान्यताओं के आधार पर संस्थानों के चुनिंदा समूह के साथ प्राप्त की जाती है ।
- व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को शामिल करना - समिति को लगता है कि पेशेवर पाठ्यक्रमों को शामिल करने से कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है और इसलिए इसे पहले दो वर्षों तक स्थगित कर दिया जाना चाहिए। कमेटी ने जो अपवाद की सिफारिश की है, वह MBA, MCA, M.Sc. (Science and Catering) क्योंकि ये ऐसे पाठ्यक्रम हैं जिनकी सेवा लोगों में बहुत अधिक है और इनमें ज्यादा प्रयोगशाला कार्य नहीं करने पड़ते हैं।
- क्रेडिट की वैधता - चूंकि इस योजना में क्रेडिट लंबी अवधि में प्राप्त किये जा सकते हैं। छात्रों द्वारा अर्जित किसी भी क्रेडिट के लिए वैधता की अवधि को परिभाषित करना उचित है। इसमें सभी क्रेडिट के लिए वैधता को आठ साल के लिए रखने का प्रस्ताव किया गया है, अर्थात् इस तरह के दिए गए सभी क्रेडिट को कमाई की तारीख के आठ साल बाद किसी भी आधिकारिक उद्देश्यों के लिए शून्य / समाप्त माना जाएगा।
- शुल्क का प्रभार - पारंपरिक विधि के विपरीत (जहां किसी पाठ्यक्रम के लिए प्रति वर्ष शुल्क लिया जाता है), एनएसी-बैंक के छात्र का शुल्क केवल प्रति क्रेडिट के आधार पर लिया जाएगा। दुनिया भर में बड़ी संख्या में संस्थानों में इस तरह की प्रथा का पालन किया जाता है और भारतीय संस्थानों को इस नई प्रथा के अनुकूल होना होगा। इसके अलावा, संस्थान डिग्री प्रदान करने, प्रतिलेख (transcript) जारी करने आदि के लिए एक अलग या विशेष शुल्क ले सकते हैं।
Implementation Methodology
NAC-Bank का संचालन UGC के तत्वावधान में NAD (राष्ट्रीय शैक्षणिक डिपॉजिटरी) जैसे मानक फ्रेम वर्क के तहत किया जाएगा। यह योजना समय-समय पर संस्थानों और विशेषज्ञता के बीच छात्रों के प्रवास को सुविधाजनक बनाने के लिए एक संस्थान से दूसरे में, एक विभाग से दूसरे विभाग को और एक विशेषज्ञता से दूसरी को क्रेडिट हस्तांतरण करेगी। मानक पाठ्यक्रम संरचना की सीमाओं और इस समग्र योजना के तहत प्रदान किए गए लचीलेपन के भीतर रहकर छात्र अपनी पसंद के अनुसार अपनी डिग्रियां बना सकेंगे।
इस तरह की योजना अनिवार्य रूप से एक संस्था से दूसरे संस्थान में क्रेडिट के परिचालन और हस्तांतरण की अनुमति देने के लिए क्रेडिट आधारित योजना होगी। एक भाग लेने वाले संस्थान / विश्वविद्यालय को औपचारिक रूप से अर्हता प्राप्त करना (qualify) होगा और एनएसी-बैंक योजना का हिस्सा बनने के लिए सहमत होना होगा। ऐसे मामले में इन संस्थानों को कोर्स रजिस्ट्रेशन, कोर्स में दाखिले, कोर्स की जरूरतों, शुल्क लेने, अटेंडेंस, क्रेडिट दिए जाने, ग्रेड की प्रकृति और इंटर-डिसिप्लिनरी और ट्रांस-डिसिप्लिनरी कोर्सेज आदि के हिसाब से अपने नियमों में संशोधन करना होगा । इसे औपचारिक रूप से उनके आंतरिक निकायों जैसे बोर्ड ऑफ स्टडीज और एकेडमिक काउंसिल/सीनेट के अनुमोदन (मंजूरी) के माध्यम से शुरू किया जाना चाहिए । यदि आवश्यक हो तो एमसीआई, बीसीआई, पीसीआई, एनसीआई आदि जैसे अन्य नियामक निकायों की सहमति को भी प्राथमिकता पर लिया जाना चाहिए।
अर्जित किए गए क्रेडिट को एक अनुमोदित राष्ट्रीय एजेंसी के साथ जमा / रिकॉर्ड किया जाएगा और किसी भी डिग्री / डिप्लोमा / पीजी डिप्लोमा / प्रमाण पत्र को प्राप्त करते समय इस क्रेडिट मूल्य को प्राथमिकता दी जाएगी। एक बार किसी भी डिग्री अवार्ड के लिए क्रेडिट का उपयोग किया जाता है तो इस क्रेडिट को व्यक्तिगत छात्र के रिकॉर्ड / खाता बही से डेबिट कर दिया जाएगा। अर्जित किये गए क्रेडिट की संख्या और प्रकार के आधार पर एक छात्र डिग्री / डिप्लोमा / पीजी डिप्लोमा / सर्टिफिकेट के पुरस्कार के लिए पात्र हो सकता है। इसके नियम वह संस्थान तय करेगा जिसमें छात्र अध्ययन कर रहा था। इसके लिए छात्र को न्यूनतम 50% क्रेडिट मूल संस्थान से अर्जित करना आवश्यक होगा। अर्थात कोर्स का आधा समय एक ही संस्थान में व्यतीत करना होगा। यह ध्यान में रखते हुए सुझाव दिया गया है कि ऐसा करने में एक छात्र मूल संस्था की संस्कृति सीखेगा और समूह गतिविधियों और टीम वर्क आदि को भी सही काम में ले सकेगा । उसे प्रोजेक्ट्स (जो आम तौर पर पढ़ाई के बाद के हिस्से में होते हैं) की गतिविधियों को केवल उसी मूल संस्थान में पूरा करना होगा जहां से छात्र द्वारा अंतिम डिग्री मांगी जा रही है । क्रेडिट केवल मान्यता प्राप्त / स्वीकार्य संस्थानों से प्राप्त किए जाने चाहिए जो इस योजना से जुड़े हुए हैं। क्रेडिट अंक अलग-अलग संस्थानों और केटेगरी के अनुसार भिन्न हो सकते हैं, इसलिए सभी बातों की तुलना मूल संस्थान से कर लेनी चाहिए।
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